भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज़ में जसप्रीत बुमराह की गैरहाज़िरी एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गई है। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने स्टार गेंदबाज़ बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर सवाल उठाते हुए कड़ा बयान दिया है। भारत सीरीज़ में पहले ही 2-1 से पिछड़ चुका है और ऐसे में बुमराह की अनुपस्थिति को लेकर विवाद और भी गहराता जा रहा है।
🎙️ सुनील गावस्कर ने उठाए सवाल, कहा – खिलाड़ी छुट्टियां मनाने नहीं आए
सोनी स्पोर्ट्स से बातचीत में सुनील गावस्कर ने बिना किसी नाम का उल्लेख किए कहा,
“कोई भी सुपरस्टार ब्रेक नहीं ले सकता, खिलाड़ी छुट्टियां मनाने नहीं आए हैं।”
गावस्कर का यह बयान सीधे तौर पर जसप्रीत बुमराह की ओर इशारा करता हुआ प्रतीत हो रहा है। बुमराह वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत लॉर्ड्स टेस्ट से बाहर थे और खबरें हैं कि मैनचेस्टर में होने वाले पांचवें टेस्ट में भी वह टीम का हिस्सा नहीं होंगे।
⚠️ सीरीज़ में पिछड़ी टीम इंडिया को बुमराह की ज़रूरत
भारत को लॉर्ड्स में मिली हार के बाद पांच मैचों की सीरीज़ में 2-1 से पिछड़ना पड़ा है। अगला और निर्णायक मुकाबला 23 जुलाई से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में खेला जाएगा। इस अहम मैच में टीम इंडिया कुछ बदलावों के साथ उतरने की तैयारी में है, लेकिन बुमराह की उपलब्धता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
उन्होंने पहले ही यह संकेत दे दिया था कि वह इस सीरीज़ में केवल पहला, तीसरा और पांचवां टेस्ट ही खेलेंगे। लेकिन अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पांचवां टेस्ट भी मिस कर सकते हैं।
📊 बुमराह की मौजूदगी में टीम इंडिया का प्रदर्शन – चौंकाने वाले आंकड़े
जसप्रीत बुमराह भले ही भारत के सबसे भरोसेमंद तेज़ गेंदबाज़ माने जाते हैं, लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं:
- 2018 से अब तक बुमराह ने 46 टेस्ट मैचों की 71 पारियों में 19.60 की औसत से 210 विकेट चटकाए हैं।
- वह टेस्ट क्रिकेट में 200 से ज़्यादा विकेट लेने वाले एकमात्र गेंदबाज़ हैं जिनका औसत 20 से कम है।
- लेकिन उनके डेब्यू के बाद भारत ने जो 74 टेस्ट मैच खेले हैं, उनमें बुमराह केवल 47 मुकाबलों में खेले जबकि 27 मैचों में बाहर रहे।
📈 जब बुमराह खेले:
- 47 मैचों में से भारत ने जीते – 20
- हारे – 23
- ड्रॉ – 4
📉 जब बुमराह नहीं खेले:
- 27 मैचों में से भारत ने जीते – 19
- हारे – 5
- ड्रॉ – 3
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में भारत का जीत प्रतिशत कहीं अधिक रहा है। यानी जिस खिलाड़ी को टीम की सबसे बड़ी ताकत माना जाता है, उसकी अनुपस्थिति में टीम का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
🔥 दो बार ‘फाइव विकेट हॉल’ फिर भी भारत को हार
बुमराह ने इस सीरीज़ में अब तक दो टेस्ट मैच खेले हैं – पहला और तीसरा। दोनों ही मैचों में उन्होंने पांच विकेट चटकाए। इसके बावजूद, इन दोनों मुकाबलों में भारत को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, दूसरा टेस्ट, जिसमें बुमराह नहीं खेले, उसमें भारत को जीत मिली।
इससे यह सवाल उठता है कि क्या बुमराह की उपस्थिति वास्तव में टीम के लिए फायदेमंद है या फिर वह आंकड़ों में भले चमकते हों, लेकिन सामूहिक टीम प्रदर्शन पर उनका असर उल्टा पड़ता है?
🧠 वर्कलोड मैनेजमेंट बनाम राष्ट्रीय जिम्मेदारी
वर्कलोड मैनेजमेंट आधुनिक क्रिकेट का एक अहम हिस्सा बन चुका है, खासकर तेज़ गेंदबाज़ों के लिए। लेकिन जब सीरीज़ दांव पर लगी हो, और टीम पिछड़ रही हो, तब किसी सीनियर खिलाड़ी का इस कारण से बाहर रहना आलोचना का कारण बन सकता है।
सुनील गावस्कर जैसे वरिष्ठ क्रिकेटर का यह कहना कि “कोई भी सुपरस्टार ब्रेक नहीं ले सकता”, केवल बुमराह ही नहीं, बल्कि पूरी क्रिकेट व्यवस्था के लिए एक चेतावनी भी है।
📌 निष्कर्ष / सारांश
भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ में जसप्रीत बुमराह की भूमिका और उनकी अनुपस्थिति एक बार फिर बहस का विषय बन गई है।
जहां आंकड़े बताते हैं कि टीम उनकी गैरमौजूदगी में बेहतर प्रदर्शन करती है, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि जब सीरीज़ संकट में हो, तब हर सीनियर खिलाड़ी को टीम के लिए उपलब्ध रहना चाहिए।
सुनील गावस्कर का बयान न केवल बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि टीम इंडिया को अब हर खिलाड़ी से ज़िम्मेदारी और प्रतिबद्धता की ज़रूरत है — छुट्टियां नहीं।
🟡 मुख्य हेडलाइंस:
वर्कलोड मैनेजमेंट बनाम ज़िम्मेदारी – क्या सही है भारतीय क्रिकेट के लिए?
सुनील गावस्कर ने बुमराह के ब्रेक पर उठाए सवाल – कहा “खिलाड़ी छुट्टियां मनाने नहीं आए”
बुमराह की गैरमौजूदगी में भारत जीतता है ज़्यादा मैच – आंकड़े चौंकाने वाले
पांचवें टेस्ट से भी बाहर रह सकते हैं बुमराह – टीम पर पड़ेगा असर?
बुमराह ने दो मैचों में लिए 10 विकेट, फिर भी भारत को हार
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