पुरी (ओडिशा): भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा 2025 की तैयारियाँ जोरों पर हैं, लेकिन उससे पहले श्रद्धालुओं को एक झटका लगा है। महास्नान पर्व के बाद भगवान जगन्नाथ को हल्का ज्वर (बीमारी) हो गया है, जिसके चलते मंदिर के दर्शन 15 दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। Jagannath Rath Yatra 2025 से पहले भगवान जगन्नाथ बीमार.
हर साल की तरह इस वर्ष भी 27 जून 2025 से रथयात्रा का शुभारंभ होगा, लेकिन उससे पहले अनुष्ठानिक परंपराओं के अनुसार भगवान को ‘विश्राम’ दिया जाएगा।
🌿 क्या है महास्नान और ‘अनवसर’ परंपरा?
महास्नान एक विशेष दिन होता है जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को 108 कलशों के पवित्र जल से स्नान कराया जाता है। इस दिन को ‘स्नान पूर्णिमा’ कहा जाता है। इसके बाद, ऐसा माना जाता है कि भगवान को सामान्य ज्वर हो जाता है, और वे ‘अनवसर’ (आराम के दिन) पर चले जाते हैं।
इस दौरान:
- मंदिर में दर्शन बंद रहते हैं
- भगवान को औषधीय जड़ी-बूटियों से उपचार दिया जाता है
- भक्तजन पाटी दीया दर्शन में भाग नहीं ले पाते
🚩 Jagannath Rath Yatra 2025: रथयात्रा कब से शुरू होगी?
रथयात्रा का प्रारंभ इस बार 27 जून 2025 से होगा। यह हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है।
मुख्य पड़ाव:
तारीख | आयोजन |
---|---|
27 जून | रथ यात्रा आरंभ |
5 जुलाई | बहुदा यात्रा (वापसी) |
7 जुलाई | नीलाद्री विजया (समापन) |
🌍 रथयात्रा का धार्मिक महत्व
- भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा एकमात्र ऐसी यात्रा है जहां मूल विग्रह मंदिर से बाहर निकलते हैं।
- इसे सामाजिक समरसता और भक्ति भावना का प्रतीक माना जाता है।
- लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचते हैं, जबकि करोड़ों इसे टीवी और ऑनलाइन माध्यम से देखते हैं।
🕉️ क्या है भक्तों की प्रतिक्रिया?
मंदिर प्रशासन ने दर्शन बंद करने की घोषणा की तो श्रद्धालुओं ने सोशल मीडिया पर “Get Well Soon Jagannath” जैसे पोस्ट साझा करने शुरू कर दिए।
भक्तों की भावनाएँ जुड़ी हैं, और यह परंपरा भी भगवान के मानव रूप को अनुभव करने का माध्यम है। Jagannath Rath Yatra 2025 से पहले भगवान जगन्नाथ बीमार.