प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के जवाब में स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगा। ट्रंप की धमकियों के बावजूद भारत राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने यह बयान उस समय दिया जब अमेरिका ने भारत पर 50% तक का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है।
🌾 ट्रंप के टैरिफ वार के बीच मोदी का स्पष्ट संदेश: “मुझे कीमत चुकानी होगी, लेकिन देश के किसानों के लिए तैयार हूं”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लेकर बेहद कड़ा और भावनात्मक बयान दिया। उन्होंने साफ किया कि भारत अमेरिकी दबाव में आकर अपने कृषि हितों से समझौता नहीं करेगा।
“मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।”
— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मोदी ने कहा कि भारत के किसान, मछुआरे और पशुपालक देश की रीढ़ हैं, और उनके हित सर्वोपरि हैं। यह बयान तब आया जब अमेरिका ने भारत के खिलाफ 50% तक का टैरिफ लागू कर दिया।
🛢️ भारत पर अमेरिका का आर्थिक हमला: क्या है ट्रंप का टैरिफ बम?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पहले 25% और फिर अतिरिक्त 25% का आयात शुल्क लगाया। यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर उठाया गया। अमेरिका का आरोप है कि भारत पश्चिमी प्रतिबंधों की अनदेखी कर रूस से तेल ले रहा है, जिसे वह अपने राष्ट्रीय हित में उचित ठहराता है।
भारत सरकार ने अमेरिका के इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण” बताया है। विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के आदेश को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा:
“भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।”
🇮🇳 भारत का दो टूक जवाब: “हम समझौता नहीं करेंगे”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का रूस से तेल आयात पूरी तरह से बाज़ार आधारित है और यह देश की 1.4 अरब आबादी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए है। भारत ने अमेरिका को यह संकेत दे दिया है कि वह आंतरिक नीतियों में किसी भी प्रकार के विदेशी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।
भारत पहले भी G20 और SCO जैसे मंचों पर कह चुका है कि वह अपनी विदेश और आर्थिक नीति खुद तय करता है — न कि अमेरिका या किसी पश्चिमी शक्ति के दबाव में।
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👩🌾 किसानों के लिए क्यों अहम है ये बयान?
ट्रंप का यह टैरिफ युद्ध केवल भारत-अमेरिका व्यापार पर असर नहीं डालता, बल्कि यह देश के किसानों पर सीधा प्रभाव डाल सकता है, जो निर्यात बाजार से जुड़ी फसलों पर निर्भर हैं।
मोदी सरकार का यह स्पष्ट रुख भारतीय किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को भरोसा देता है कि केंद्र सरकार उनके साथ खड़ी है। खासतौर पर तब जब अमेरिका भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा हो।
🔚 निष्कर्ष: टकराव की राजनीति में भारत का आत्मविश्वासी रुख
ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान केवल एक राजनीतिक संदेश नहीं, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर और दृढ़ नीतिगत रुख का प्रतीक है। यह दिखाता है कि भारत अब वैश्विक मंचों पर दबाव में नहीं झुकेगा, चाहे कीमत कुछ भी हो।
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि ‘भारत पहले’ की नीति के तहत अपने नागरिकों, किसानों और उद्योगों के हितों की रक्षा करना सर्वोपरि है।
क्या आप मानते हैं कि भारत को अंतर्राष्ट्रीय दबाव के सामने अपने हितों पर अडिग रहना चाहिए?
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❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. अमेरिका ने भारत पर टैरिफ क्यों लगाया है?
अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने और अन्य व्यापारिक कारणों से भारत पर टैरिफ लगाया है।
Q2. क्या भारत अमेरिकी टैरिफ का जवाब देगा?
भारत ने कहा है कि वह अपने आर्थिक और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।
Q3. पीएम मोदी का यह बयान कब आया?
प्रधानमंत्री मोदी ने यह बयान एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दिया।
Q4. क्या भारत किसानों के हितों को लेकर नीतिगत बदलाव करेगा?
नहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित सर्वोपरि हैं।