फैसले से कांप उठी अदालत, राहत में डूबा परिवार
उत्तराखंड की चर्चित Ankita Bhandari Murder Case में आखिरकार अदालत ने इतिहास रचते हुए दोषियों को उम्रकैद की सज़ा सुना दी।
करीब 20 महीने की लंबी सुनवाई, सबूतों का गहन परीक्षण और न्यायिक प्रक्रिया के बाद मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीनों को दोषी ठहराया गया। Ankita Bhandari Murder Case: दोषियों को उम्रकैद की सज़ा | कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला.
न्यायाधीश ने टिप्पणी की –
“यह हत्या सिर्फ एक युवती की नहीं, बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों की हत्या थी।”
Ankita Bhandari कौन थीं?
Ankita Bhandari, 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट, ऋषिकेश के एक रिसॉर्ट में कार्यरत थीं।
- मेहनती, स्वाभिमानी और महत्वाकांक्षी
- घटना से कुछ दिन पहले ही उन्होंने परिवार से “कुछ गलत हो रहा है” कहा था
उनकी हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
हत्या और अपराध का सिलसिला
सितंबर 2022 में अंकिता के लापता होने की खबर आई थी।
कुछ दिनों बाद उनका शव चिल्ला नहर से बरामद हुआ।
जांच में सामने आया कि:
- अंकिता ने रिसॉर्ट में वीआईपी क्लाइंट्स को “स्पेशल सर्विस” देने से इनकार कर दिया
- इस इनकार पर पुलकित आर्य (रिसॉर्ट मालिक और भाजपा नेता का बेटा) ने गुस्से में आकर हत्या कर दी
Ankita Bhandari Murder Case Verdict: क्या कहा कोर्ट ने?
- पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित गुप्ता – तीनों को धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) के तहत दोषी ठहराया
- उम्रकैद की सज़ा के साथ ₹1 लाख का जुर्माना
- पीड़ित परिवार को ₹10 लाख की मुआवजा राशि राज्य सरकार देगी
अदालत की सख्त टिप्पणी
“यह अपराध नारी सम्मान, गरिमा और सुरक्षा के खिलाफ था। न्याय समाज में भरोसा बहाल करने का माध्यम है।”
परिवार की प्रतिक्रिया: मिला न्याय, पर बेटी की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता
Ankita की माँ ने आंसू भरी आँखों से कहा –
“अब मेरी बच्ची चैन से सो सकेगी… पर उसकी जगह कोई नहीं ले सकता।”
सोशल मीडिया और जनता का समर्थन
- #JusticeForAnkita फिर से ट्रेंड में
- युवाओं और महिला संगठनों ने फैसले का स्वागत किया
- मीम्स से लेकर मोमबत्तियों तक, सबने एकजुटता दिखाई
FAQs
Ankita Bhandari केस में कितने लोग दोषी पाए गए हैं?
तीन: पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित गुप्ता।
क्या उन्हें फांसी की सज़ा नहीं मिली?
कोर्ट ने परिस्थितियों को देखते हुए उम्रकैद की सज़ा दी, जिसे कठोर माना गया।
क्या ये फैसला अंतिम है?
आरोपियों के पास हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील का अधिकार है।
क्या राज्य सरकार ने कोई मदद की है?
हां, ₹10 लाख मुआवजा और फास्ट ट्रैक सुनवाई सुनिश्चित की गई।
क्या यह फैसला महिला सुरक्षा के लिहाज से मील का पत्थर है?
बिलकुल, यह फैसला अन्य मामलों में भी उदाहरण बनेगा।
Conclusion: ऐतिहासिक न्याय, लेकिन चेतावनी भी
Ankita Bhandari Murder Case में कोर्ट का यह फैसला न केवल न्याय का प्रतीक है, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है – महिलाओं की गरिमा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। Ankita Bhandari Murder Case: दोषियों को उम्रकैद की सज़ा | कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला.
परिवार को न्याय जरूर मिला, लेकिन यह घटना बार-बार हमें याद दिलाती है कि महिला सुरक्षा सिर्फ कानून से नहीं, सोच से भी जुड़ी है।