EV चार्जिंग मानकीकरण: गडकरी का बड़ा संदेश उद्योग को
नई दिल्ली, शुक्रवार — केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने EV चार्जिंग मानकीकरण की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि जैसे स्मार्टफोन चार्जर पूरे देश में एक जैसे हो गए हैं, वैसे ही इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सिस्टम में भी समानता जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि बिना मानकीकरण के न तो निर्माताओं को और न ही उपभोक्ताओं को इसका पूरा लाभ मिल पाएगा।
EV चार्जिंग मानकीकरण क्यों है जरूरी?
गडकरी ने यह बात रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (RMI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा आयोजित उद्योग गोलमेज सम्मेलन में कही।
- उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी तभी लोकप्रिय होगी जब वह आर्थिक रूप से व्यवहार्य होगी।
- EV अपनाने में लागत, चार्जिंग ढांचा और मानकीकरण बड़ी बाधाएं हैं।
- अनुमान है कि भारत में 41 लाख ट्रक हैं, जो कुल परिवहन उत्सर्जन का लगभग 40% योगदान करते हैं।
भारत की EV रणनीति और गडकरी का विज़न
- शून्य-उत्सर्जन वाले कमर्शियल वाहन की दिशा में बदलाव सब्सिडी पर नहीं बल्कि प्रतिस्पर्धा और डिमांड पर आधारित होना चाहिए।
- भारत का भविष्य मोबिलिटी ट्रांजिशन फ्लैश-चार्जिंग ई-बसों, हाइड्रोजन ट्रकों और बायोफ्यूल पर टिका है।
- वर्तमान में सड़कों पर 1,000 से भी कम इलेक्ट्रिक ट्रक हैं।
EV चार्जिंग मानकीकरण और ट्रकिंग सेक्टर
- उद्योग विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि सीमेंट, स्टील, पोर्ट्स, माइनिंग और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए।
- ICCT के अनुसार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश भारत की ट्रक चार्जिंग डिमांड का 70% पूरा करेंगे।
- 2030 तक 1.3 लाख इलेक्ट्रिक ट्रकों को चलाने के लिए 9 गीगावाट चार्जिंग नेटवर्क की आवश्यकता होगी।
सरकारी कदम और भविष्य की योजना
- जुलाई में भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) ने इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए पीएम ई-ड्राइव प्रोत्साहन दिशानिर्देश जारी किए।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने ईंधन दक्षता मानकों पर मसौदा प्रस्ताव रखा है।
- सरकार इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए टोल छूट पर भी विचार कर रही है।
- 10 प्रमुख माल ढुलाई गलियारों में हाइड्रोजन ट्रकों का परीक्षण होगा, जिसमें टाटा, अशोक लेलैंड, वोल्वो और इंडियन ऑयल जैसी कंपनियां शामिल होंगी।
EV चार्जिंग मानकीकरण से क्या होगा फायदा?
- उपभोक्ताओं को किसी भी जगह वाहन चार्ज करने की सुविधा मिलेगी।
- निर्माताओं को उत्पादन लागत में कमी आएगी।
- EV उद्योग का विस्तार और तेज होगा।
- भारत की ग्रीन मोबिलिटी रणनीति को गति मिलेगी।
मुख्य बिंदु (Summary)
- गडकरी ने EV चार्जिंग मानकीकरण की मांग की।
- स्मार्टफोन चार्जर की तरह EV चार्जिंग सिस्टम भी समान होना चाहिए।
- भारत में 41 लाख ट्रक, पर 1,000 से कम इलेक्ट्रिक ट्रक सक्रिय।
- 2030 तक 1.3 लाख ई-ट्रक और 9 GW चार्जिंग नेटवर्क की जरूरत।
- सरकार इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए टोल छूट पर विचार कर रही है।
- 10 माल ढुलाई कॉरिडोर में हाइड्रोजन ट्रक टेस्टिंग होगी।
FAQs
Q1. EV चार्जिंग मानकीकरण क्यों जरूरी है?
A1. इससे सभी वाहनों के लिए एक जैसे चार्जर होंगे, जिससे उपभोक्ता और निर्माताओं दोनों को सुविधा और लागत में बचत मिलेगी।
Q2. भारत में कितने ट्रक EV में बदले जा सकते हैं?
A2. ICCT रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक 1.3 लाख इलेक्ट्रिक ट्रक सड़कों पर आ सकते हैं।
Q3. सरकार कौन-सी नीतियां ला रही है?
A3. MHI ने ई-ड्राइव प्रोत्साहन दिशानिर्देश और BEE ने ईंधन दक्षता मानक प्रस्तावित किए हैं।
Q4. किन राज्यों में EV चार्जिंग डिमांड सबसे अधिक होगी?
A4. महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान, गुजरात और एमपी मिलकर 70% मांग पूरी करेंगे।
Q5. हाइड्रोजन ट्रकों का परीक्षण कहाँ होगा?
A5. दिल्ली-आगरा, मुंबई-पुणे, अहमदाबाद-वडोदरा और विशाखापत्तनम-परियार समेत 10 कॉरिडोर में।
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