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Janmashtami 2025: 300 साल पुराना ‘मूंछों वाला श्रीकृष्ण मंदिर’ – अनोखी मान्यता और रहस्यमयी कहानियां

by Box24News
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Janmashtami 2025: 300 साल पुराना ‘मूंछों वाला श्रीकृष्ण मंदिर’ – अनोखी मान्यता और रहस्यमयी कहानियां

Where is the Mustached Lord Krishna Temple? The Only One of Its Kind in India

क्या आपने कभी भगवान श्रीकृष्ण को मूंछों के साथ देखा है? अगर नहीं, तो इस जन्माष्टमी पर तैयार हो जाइए एक ऐसे चमत्कारी मंदिर के दर्शन के लिए, जहां श्रीकृष्ण की मूर्ति मूंछों के साथ विराजमान है। यह सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि 300 साल पुरानी आस्था, रहस्य और चमत्कार की कहानी है।


Janmashtami 2025 – कब और क्यों खास है?

इस वर्ष जन्माष्टमी पर्व 16 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। पूरे देश में भक्तजन इस दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर से करीब 70-75 किमी दूर देपालपुर तहसील के गिरोता गांव का मूंछों वाला श्रीकृष्ण मंदिर इस मौके पर खास आकर्षण का केंद्र बन जाता है।


मूंछों वाले श्रीकृष्ण का मंदिर कहां है?

गिरोता गांव, जिला इंदौर (मध्यप्रदेश) में स्थित यह मंदिर अपनी अनोखी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। यहां श्रीकृष्ण की प्रतिमा में स्पष्ट रूप से मूंछें दिखाई देती हैं — जो भारत में किसी और मंदिर में नहीं मिलतीं।


मंदिर की स्थापना और इतिहास

  • मंदिर की स्थापना लगभग 300 साल पहले हुई थी।
  • पुराने समय में यह मंदिर गांव की सुरक्षा का केंद्र था, जिसके बड़े गेट से होकर ही गांव में प्रवेश होता था।
  • यह गेट आज भी अपनी जगह पर मौजूद है, गांव के गौरव और सुरक्षा का प्रतीक।

चमत्कारिक मान्यताएं

  1. मन्नत कभी खाली नहीं जाती – यहां मांगी गई हर प्रार्थना पूरी होने का विश्वास है।
  2. गांव की रक्षा – गांव में कभी कोई बड़ा संकट आने पर मंदिर में सामूहिक प्रार्थना करने से विपत्ति टल जाती है।
  3. आग से चमत्कारिक सुरक्षा – कई साल पहले लगी भीषण आग मंदिर तक पहुंची, लेकिन मूर्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ।
  4. बरसात का चमत्कार – बारिश न होने पर ग्रामीण हरि ओम का जप करते हैं और 3-4 दिनों में बारिश हो जाती है।

जन्माष्टमी पर मंदिर का उत्सव

जन्माष्टमी पर यहां मेला लगता है, जिसमें आसपास के गांवों और दूर-दराज से हजारों भक्त शामिल होते हैं। भजन-कीर्तन, झांकी, दही-हांडी और सामूहिक पूजा इस अवसर को भव्य बना देते हैं।


कैसे पहुंचें?

  • निकटतम शहर – इंदौर (70 किमी)
  • रेलवे स्टेशन – गौतमपुरा रोड
  • हवाई अड्डा – देवी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट, इंदौर
  • यात्रा साधन – इंदौर से बस, टैक्सी या निजी वाहन द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

स्थानीय कथाएं और लोगों का विश्वास

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि संकट के समय मंदिर में प्रार्थना करने से भगवान स्वयं रक्षा करते हैं। यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है।


Summary

मध्यप्रदेश के गिरोता गांव का मूंछों वाला श्रीकृष्ण मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और चमत्कार का संगम है। यहां की मूर्ति, मान्यताएं और इतिहास इसे भारत के सबसे अनोखे मंदिरों में से एक बनाते हैं।


Conclusion

इस जन्माष्टमी, अगर आप कुछ अनोखा और आध्यात्मिक अनुभव करना चाहते हैं, तो मूंछों वाले श्रीकृष्ण मंदिर की यात्रा जरूर करें। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं होगी, बल्कि आस्था, इतिहास और चमत्कार का जीवंत अनुभव होगा।


FAQs

Q1. मूंछों वाले श्रीकृष्ण मंदिर की उम्र कितनी है?
लगभग 300 साल पुराना है।

Q2. क्या यहां मन्नतें पूरी होती हैं?
स्थानीय मान्यता के अनुसार, हां।

Q3. मंदिर तक पहुंचने का आसान रास्ता क्या है?
इंदौर से बस या निजी वाहन द्वारा गिरोता गांव।


👉 इस जन्माष्टमी, मूंछों वाले श्रीकृष्ण के चमत्कारी दर्शन के लिए अपनी यात्रा की योजना बनाएं और भारत की अनोखी सांस्कृतिक धरोहर को जानें।
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