पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रस्तावित SIR (State Identification Registry) पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, राज्य के लोगों का मताधिकार किसी को भी छीनने नहीं देंगे। मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी SIR का विरोध करते हुए केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि वैध मतदाताओं के अधिकार को छीनने का कोई प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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SIR को लेकर ममता बनर्जी और TMC का विरोध
गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य में भाषाई आतंक फैला रही है और SIR का उपयोग मतदाताओं के अधिकार छीनने के लिए किया जा रहा है।
- ममता ने कहा कि SIR के जरिए वोटिंग अधिकार छीनने की कोशिश हो रही है।
- उन्होंने चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाया कि यह भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है।
- ममता ने 22 लाख प्रवासी मजदूरों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा उन्हें गलत तरीके से प्रभावित कर रही है।
अभिषेक बनर्जी का कड़ा विरोध
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि SIR के माध्यम से अब सरकार मतदाता चुन रही है, जबकि पहले लोग सरकार चुनते थे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वैध मतदाताओं के अधिकार पर कोई हमला किया गया तो वे दिल्ली में विरोध दर्ज कराएंगे।
- उन्होंने बताया कि बंगाल 2026 में जनता करारा जवाब देगी।
- अभिषेक ने केंद्रीय एजेंसियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि तृणमूल नेताओं के साथ दिल्ली में भेदभाव किया गया।
रोजगार और नीतिगत पहल
ममता ने भाजपा की घोषणाओं की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 14 वर्षों में कितने करोड़ नौकरियां दी, जबकि तृणमूल सरकार ने 2 करोड़ लोगों को रोजगार दिया।
- नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में बेरोजगारी दर पश्चिम बंगाल में केवल 22% थी, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 3.2%।
- अभिषेक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 69 लाख जॉब कार्ड धारकों का बकाया भुगतान किया।
अपराजिता बिल पर तंज
अभिषेक ने अपराजिता विधेयक को लेकर भी केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी दी।
- उन्होंने कहा कि विधेयक को राज्यपाल ने रोक रखा है।
- उन्होंने कोलकाता पुलिस की कार्रवाई की तारीफ की और केंद्रीय एजेंसियों की आलोचना की।
- अभिषेक ने सवाल उठाया कि कांग्रेस और सीपीएम इस मुद्दे पर क्यों सड़कों पर नहीं उतर रहे।
SIR विरोध प्रदर्शन
अभिषेक ने जनता से अपील की कि वे SIR के खिलाफ सड़कों पर उतरें। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान ने हर नागरिक को मौलिक अधिकार दिए हैं, और इसे छीनने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रमुख बिंदु (Key Summary Points)
- ममता बनर्जी और TMC ने SIR का कड़ा विरोध किया।
- SIR को मतदाताओं के अधिकार को छीनने का उपकरण बताया गया।
- अभिषेक बनर्जी ने वैध मतदाताओं के अधिकार पर केंद्र सरकार को चेतावनी दी।
- रोजगार और प्रवासी मजदूरों के मुद्दों का जिक्र।
- अपराजिता विधेयक और केंद्रीय एजेंसियों पर निशाना।
FAQs
Q1. SIR पर ममता बनर्जी का क्या موقف है?
➡ ममता बनर्जी कहती हैं कि SIR का इस्तेमाल मतदाताओं के अधिकार छीनने के लिए हो रहा है।
Q2. अभिषेक बनर्जी ने क्या चेतावनी दी?
➡ उन्होंने कहा कि वैध मतदाताओं को हटाने के किसी भी प्रयास का विरोध दिल्ली में किया जाएगा।
Q3. SIR के खिलाफ प्रदर्शन क्यों होगा?
➡ लोगों को उनके मताधिकार को सुरक्षित रखने के लिए।
Q4. अपराजिता विधेयक क्या है?
➡ महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा से संबंधित राज्य विधेयक, जिसे राज्यपाल ने रोक दिया है।
Q5. पश्चिम बंगाल में बेरोजगारी दर कितनी है?
➡ वित्तीय वर्ष 2022-23 में पश्चिम बंगाल में वार्षिक बेरोजगारी दर 22% थी।
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