सुप्रीम कोर्ट ने सुशील कुमार की जमानत रद्द की
भारत के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को एक बड़ा कानूनी झटका लगा है। जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी है और आदेश दिया है कि वे एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करें। यह फैसला सागर धनखड़ के पिता की याचिका पर आया, जिन्होंने आरोप लगाया कि सुशील कुमार गवाहों और परिवार पर दबाव डाल रहे हैं।
हाईकोर्ट से मिली थी जमानत
4 साल जेल में रहने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने सुशील कुमार को ₹50,000 के निजी मुचलके और बराबर की राशि के जमानतदार पर जमानत दी थी। लेकिन इसके बाद मृतक सागर धनखड़ के पिता अशोक धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत रद्द करने की मांग की।
गवाहों पर दबाव के आरोप
अशोक धनखड़ के वकील जोशिनी तुली ने अदालत में कहा कि सुशील कुमार ने अंतरिम जमानत के दौरान गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की और परिवार पर समझौते का दबाव डाला। यही वजह रही कि शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश पलटते हुए जमानत रद्द कर दी।
मामला कैसे शुरू हुआ?
4 मई 2021 की रात, दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में संपत्ति विवाद को लेकर दो गुटों में हिंसक झड़प हुई। इस दौरान जूनियर पहलवान सागर धनखड़ और उनके दोस्तों पर हमला किया गया। हमले में गंभीर रूप से घायल सागर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के बेटे थे।
घटना का वीडियो और गिरफ्तारी
इस घटना का एक वीडियो सामने आया जिसमें सुशील कुमार और उनके साथी हॉकी से सागर को पीटते दिख रहे थे। यह वीडियो खुद सुशील कुमार ने बनवाया था। इसके बाद 23 मई 2021 को उन्हें मुंडका मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार किया गया और अक्टूबर 2021 में जेल भेजा गया।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
अदालत ने कहा कि गंभीर अपराध के मामलों में जमानत का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। यदि आरोपी गवाहों को प्रभावित करता है तो न्याय प्रक्रिया पर सीधा असर पड़ता है। यही कारण है कि अदालत ने उन्हें 7 दिन में सरेंडर का आदेश दिया।
📊 सारांश :
सुप्रीम कोर्ट ने ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की जमानत रद्द कर दी है और उन्हें 7 दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। यह फैसला सागर धनखड़ के पिता की याचिका पर आया, जिसमें आरोप था कि सुशील गवाहों पर दबाव बना रहे थे। मामला 2021 में छत्रसाल स्टेडियम में हुई हिंसक घटना से जुड़ा है, जिसमें सागर की मौत हो गई थी।
📌 निष्कर्ष :
सुशील कुमार का यह मामला भारतीय खेल जगत के लिए एक बड़ा झटका है। एक समय देश के लिए ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ी पर हत्या का आरोप और जमानत रद्द होना न्याय व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाता है। अब देखना होगा कि आगे यह मुकदमा किस दिशा में बढ़ता है।
❓ FAQs
1. सुशील कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने कितने दिन में सरेंडर का आदेश दिया है?
उन्हें 7 दिन में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया है।
2. यह मामला किस घटना से जुड़ा है?
4 मई 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुई हिंसक झड़प से, जिसमें जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की मौत हो गई थी।
3. हाईकोर्ट ने सुशील कुमार को कब जमानत दी थी?
हाईकोर्ट ने उन्हें 4 साल जेल में रहने के बाद ₹50,000 के निजी मुचलके पर जमानत दी थी।
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